अब 4.81 करोड़ ईएसआइ कर्मचारियों को निजी अस्पतालों में मिलेगा मुफ्त इलाज

केंद्र सरकार ने भारतीय कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ईएसआइसी) में बीमित कर्मचारियों के इलाज का दायरा बढ़ाने वाली है। पहले जहां पर कर्मचारियों को ईएसआइसी के पैनल में शामिल अस्पतालों में इलाज मिलता था, लेकिन अब सरकार ने इसके दायरे को बढ़ाते हुए ईएसआइसी में शामिल कर्मचरियों को उन सभी अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिलेगी, जो आयुष्मान भारत स्कीम के पैनल में शामिल है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही इसकी घोषणा करने वाली है और सरकार की तरफ से इसका पूरा प्लान तैयार कर लिया है।
आपको बता दे कि ईएसआइसी संगठित क्षेत्र व निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा करने के लिए बनाया गया है। इस योजना में कर्मचारियों के बीमारी, मातृत्व और विकलांगता होने पर ईएसआइसी की तरफ से कर्मचारी व उसके परिवार के देखभाल की सुविधा होती है।
फिलहाल देशभर में ईएसआईसी के 150 से ज्यादा अस्पताल हैं। इन अस्पतालों में बीमारों को सामान्य से लेकर गंभीर मरीजों को इलाज दिया जाता है। इस योजना के लिए उन कर्मचारियों को शामिल किया जाता है जिनका मासिक वेतन 21,000 रुपये प्रति माह या इससे कम है। वहीं अगर कोई कर्मचारी दिव्यांग है तो उसका वेतन प्रत्येक माह 25,000 रुपये तक होना चाहिए। इसमें कर्मचारी अपने वेतन का 1.75 प्रतिशत और नियोक्ता कर्मचारी के वेतन का 4.75 प्रतिशत के बराबर योगदान करता है।
इलाज नहीं ही कोई अधिकतम सीमा
ईएसआइसी में शामिल कर्मचारियों के इलाज के लिए कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है। इसमें कर्मचारी का पूर्ण इलाज फ्री होता है। कर्मचारी के सेवानिवृति के बाद यह सुविधा 120 रुपये मासिक प्रीमियम पर कर्मचारी और जीवनसाथी को मिलती रही है। ईएसआइसी में इलाज के साथ कर्मचारी को हर वर्ष अधिकतम 90 दिनों की बीमारी की अवधि के दौरान वेतन का 70 प्रतिशत नकद मुआवजा मिलता है।
महिलाओं को प्रसव के दौरान 26 सप्ताह के लिए मातृत्व अवकाश मिलता है। अगर कर्मचारी दिव्यांग है तो उसको वेतन का 90 प्रतिशत का लाभ दिया जाता है। फिलहाल ईएसआइसी में 4.81 करोड़ कर्मचारी बीमित है। जहां पर देश की 22.93 लाख संस्थान ईएसआईसी से पंजीकृत है। ईएसआईसी के देशभर में 165 ईएसआइ अस्पताल चल रहे है।